"Class 12 Political Science 1st Book Chapter 03 Notes"
- वर्चस्व :- अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में शक्ति के एक ही केंद्र का होना वर्चस्व कहलाता है।
- एक ध्रुवीय विश्व :- सोवियत संघ के विघटन के बाद के दौर को एक ध्रुवीय विश्व कहा जाता है।
- प्रथम खाड़ी युद्ध :- सन 1990 में अमेरिका के नेतृत्व में 34 देशों की मिली-जुली 6,60,000 सैनिकों की भारी-भरकम फौज इराक के विरोध मोर्चा खोला और उसे प्राप्त कर दिया इसी को प्रथम खाड़ी युद्ध कहां जाता है।
नई विश्व व्यवस्था :-
- सन 1990 के अगस्त में इराक ने कुवैत पर हमला किय हमला किया हमला किया और तेजी से उस पर कब्जा जमा लिया। इराक को समझाने बुझाने की तमाम कोशिशें जब नाकाम रही तो संयुक्त राष्ट्र संघ ने कुवैत को मुक्त कराने के लिए सैनिक कार्रवाई को आदेश दे दिया।
- शीतयद्ध के दौरान ज्यादातर मामलों में चुप्पी साध लेने वाले संयुक्त राष्ट्र संघ के लिहाज से यह एक नाटकीय फैसला था। अमेरिकी राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश ने इसे नई विश्व व्यवस्था की संज्ञा दी।
- ऑपरेशन डेजर्ट स्टार्म :- प्रथम खाड़ी युद्ध के दौरान इराक के विरुद्ध अमेरिका के नेतृत्व में की गई इस सैनिक कार्रवाई को संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म का नाम दिया गया।
- कंप्यूटर युद्ध :- प्रथम खाड़ी युद्ध में अमेरिका ने बड़े विज्ञापनी अंदाज में स्मार्ट बमों का प्रयोग किया जिस कारण कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षकों ने इसे कंप्यूटर युद्ध की संज्ञा दी।
नोट :-
- प्रथम खाड़ी युद्ध को वीडियो गेम वार कहा जाता है क्योंकि इस युद्ध को टेलीविजन पर व्यापक कवरेज मिली थी।
- प्रथम खाड़ी युद्ध में जापान, जर्मनी और सऊदी अरब ने अमेरिका की आर्थिक मदद की थी।
- प्रथम खाड़ी युद्ध में
प्रथम खाड़ी युद्ध :-
- प्रथम खाड़ी युद्ध अगस्त 1990 में
- इराक़ और कुवैत के बीच
- 34 देशों की 6,60,000 सेना
- इसमें 75% अमेरिकी सेना
- प्रथम खाड़ी युद्ध में अमेरिकी जनरल 'नॉर्मन स्वार्जकांव' ने अमेरिकी सैन्य अभियान की अगुवाई की थी।11
- प्रथम खाड़ी युद्ध में "सद्दाम हुसैन (इराक का राष्ट्रपति 1990)" ने ऐलान किया था कि यह युद्ध 'सौ जगों की एक जंग' साबित होगी।
अमेरिका की पार्टी (1992 का राष्ट्रपति चुनाव) :-
1. रिपब्लिक पार्टी (जॉर्ज बुश)
2. डेमोक्रेटिक पार्टी (बिल क्लिंटन)
- अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव हर 4 वर्ष के अंतराल में होता है।
- वर्तमान में अमेरिका (USA) के राष्ट्रपति Joe Biden है।
9/11 (अमेरिका में महीने को तारीख से पहले लिखने का चलन है) :-
- 11 सितंबर 2001
- अल कायदा (ओसामा बिन लादेन)
- 19 अपहरणकर्ता
- अमेरिका के 4 व्यावसायिक विमानों पर कब्जा कर लिया।
- पहला विमान :- न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के उत्तरी टावर से टकराया
- दूसरा विमान :- न्यूयॉर्क स्थित वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के दक्षिणी टावर से टकराए
- तीसरा विमान :- वर्जिनया केअर्लिंगटन स्थित पेंटागन से टकराया।
- चौथा विमान :- अमेरिकी कांग्रेस के मुख्य इमारत के अंदर आना था लेकिन वह पेंसिलवेनिया के खेत में जा गिरा।
नोट :-
- अमेरिका के रक्षा विभाग का मुख्यालय पेंटागन में स्थित है।
- जापान ने 1941 में अमेरिका के पर्ल-हार्वर पर हमला किया था।
- अमेरिका ने 2003 में इराक पर हमला किया था।
- 1950 में संपूर्ण विश्व में इंटरनेट की शुरुआत हुई थी।
- विश्व की अर्थव्यवस्था में अमेरिका की हिस्सेदारी 28% है।
- विश्व के कुल व्यापार में अमेरिका की हिस्सेदारी 15% है।
- अमेरिका के ढांचेगत ताकत का एक मानक उदाहरण MBA है।
- 'यूनिवर्सिटी आफ पेंसिलवेनिया में व्हार्टन स्कूल' के नाम से विश्व का पहला बिजनेस स्कूल खुला। इसकी स्थापना सन 1881 में हुई।
- 1950 में अमेरिका के बाहर MBA के पाठ्यक्रम की शुरुआत हुई।
- अमेरिका के संसद का नाम कांग्रेस है।
- अमेरिका ने ढांचागत ताकत और सांस्कृतिक प्रभुत्व के दायरे में समाजवादी सोवियत गणराज्य (USSR) से बाजी मारी।
- शीतयुद्ध के दौरान संपूर्ण विश्व की अर्थव्यवस्था पूंजीवादी तर्ज पर चली थी।
- दूसरे विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन बोर्ड प्रणाली कायम हुई थी।
ऑपरेशन एंडयूरिंग फ्रीडम :-
- आतंकवाद के विरुद्ध विश्वव्यापी युद्ध के अंग के रूप में अमेरिका ने ऑपरेशन एंडयूरिंग फ्रीडम चलाया।
- यह अभियान उन सभी के खिलाफ चला जिस पर 9/11 का शक था खासकर आतंकवादी संगठन अलकायदा के खिलाफ।
ऑपरेशन इराकी फ्रीडम :- सन 2003 में अमेरिका ने इराक पर हमला किया जिससे ऑपरेशन इराकी फ्रीडम नाम दिया गया।
हेगेमनी :- हेगेमनी शब्द प्राचीन यूनान के शब्द से निकल है, इस शब्द से किसी एक राज्य के नेतृत्व या प्रभुत्व का बोध होता है।
विश्व के प्रमुख देशों की सैन्य क्षमता
- संयुक्त राज्य अमेरिका 455.9 (अरब डॉलर)
- चीन 84.2 (अरब डॉलर)
- रूस 61.2 (अरब डॉलर)
- फ्रांस 52.7 (अरब डॉलर)
- ब्रिटेन 50.1 (अरब डॉलर)
- जापान 45.2 (अरब डॉलर)
- जर्मनी 37.8 (अरब डॉलर)
- इटली 33.9 (अरब डॉलर)
- सऊदी अरब 20.9(अरब डॉलर)
- भारत 19.8 (अरब डॉलर)
- दक्षिण कोरिया 16.4 (अरब डॉलर)
- ऑस्ट्रेलिया 14.3 (अरब डॉलर)
- स्पेन 12.6 (अरब डॉलर)
वैश्विक अर्थव्यवस्था के संदर्भ सार्वजनिक वस्तु
- समुद्री व्यापार मार्ग (सी लेन ऑफ कम्युनिकेशन)
- इंटरनेट
Full forms :-
- SLOCS : sea lane of communication (समुद्री व्यापार मार्ग)
- W.W.W : world wide wab (जगत जोड़ता जाल)
- PPP : purchasing power parity (परचेसिंग पावर पैरेटी)
- MBA : Master of Business Administration (मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेेशन)
- WTO : World Trade Organisation (विश्व व्यापााार संगठन)
- IMF : international monetary fund (अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष)
- WB : World Bank (विश्वव बैंक)
ढांचागत ताकत के रूप में अमेरिकी वर्चस्व :-
- सार्वजनिक वस्तु (SLOCS, W.W.W, इंटरनेट)
- वैश्विक अर्थव्यवस्था में अमेरिका की हिस्सेदारी 28%
- वैश्विक व्यापार में अमेरिका की हिस्सेदारी 15%
- दूसरे विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन वुड प्रणाली का चलन
- विश्व बैंक, अंतर्रष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व व्यापार संगठन अमेरिकी वर्चस्व का परिणाम है
- अमेरिका की ढांचागत ताकत का मानक उदाहरण MBA
संस्कृति के रूप में अमेरिकी वर्चस्व :-
- संस्कृति वर्चस्व का रिश्ता 'सहमति गढ़ने' की ताकत से है यहां वर्चस्व का आशय है सामाजिक, राजनीतिक और खासकर विचारधारा के धरातल पर किसी वर्ग की बढ़त दिया दबदबा से हैं।
- सामाजिक राजनीतिक तथा विचारधारा के आधार पर दबदबा होना।
- खान पान द्वारा (मैकडॉनडीकरण)
- जींस का प्रचलन
- अच्छे जीवन और व्यक्तिगत सफलता की धारणा
अमेरिकी वर्चस्व की राह में आने वाले प्रमुख व्यवधान
पहला व्यवधान दूसरा व्यवधान तीसरा व्यवधान
अमेरिका की अमरीकी समाज NATO
संस्थागत बनावट का उन्मुक्त होना
1. अमेरिका की संस्थागत बनावट :-
- अमेरिका के वर्चस्व की राहों में सबसे पहली समस्या अमेरिका की संस्थागत बनावट है। यहां शासन के 3 अंगों के बीच शक्ति का बंटवारा है, और यही बनावट कार्यपालिका द्वारा सैन्य शक्ति के बेलगाम इस्तेमाल पर अंकुश लगाने का काम करती है।
2. अमरीकी समाज का उन्मुक्त होना :-
- अमेरिका की ताकत के रास्ते में आने वाली दूसरी समस्या भी अंदरूनी है। इस समस्या के मूल में है अमेरिकी समाज जो अपनी प्रकृति में उन्मुक्त है।
3. नाटो (NATO) :-
- अमेरिकी ताकत के रास्ते में मौजूद तीसरा व्यवधान सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था में आज सिर्फ एक संगठन है जो पूर्ण रूप से अमेरिकी शक्ति पर लगाम लगा सकता है और इस संगठन का नाम नाटो (NATO) है। आगामी वर्षों में नाटो ज्यादा शक्तिशाली संगठन बनकर उभरा या उभरेगा और यह संगठन अमेरिकी वर्चस्व कम कर सकता है या उसकी शक्तियों पर लगाम लगा सकता है।
भारत और अमेरिका के संबंध :-
पृष्ठभूमि :- इस युद्ध के वर्षों में भारत अमेरिका के विरुद्ध खड़ा था इन सालों में भारत की गरीबी दोस्त सोवियत संघ से थी सोवियत संघ के बिखरने के बाद भारत ने पाया कि लगातार कटुता पूर्ण होते अंतरराष्ट्रीय माहौल में वह मित्र विहीन हो गया है।
इसी अवधि में भारत ने अपने अर्थव्यवस्था से जोड़ने का भी फैसला किया। इस नीति और हाल के सालों में प्रभावशाली आरती वृद्धि दर के कारण भारत अब अमेरिका समेत कई देशों के लिए आकर्षक आर्थिक सहयोगी बन गया है।
- सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में भारत के कुल निर्यात का 65% अमेरिका को जाता है।
- बोइंग के 35% तकनीकी कर्मचारी भारतीय मूल के हैं।
- 300000 भारतीय 'सिलिकॉन वैली' में काम करते हैं।
- उच्च प्रौद्योगिकी के क्षेत्र की 15% कंपनियों की शुरुआत अमेरिका में बसे भारतीयों ने की है।
समकालीन विश्व में अमेरिकी वर्चस्व से कैसे निपटा जा सकता है?
- भारत, चीन और रूस जैसे बड़े देशों में अमेरिकी वर्चस्व को चुनौती दे पाने की संभावना है लेकिन 3 देशों के बीच आपसी विभेद है और इन विभेदो के रहते अमेरिका के विरोध का कोई गठबंधन नहीं हो सकता।
- कुछ लोगों का तर्क है कि वर्चस्व जनित अवसरों के लाभ उठाने की रणनीति ज्यादा संगत (जरूरी) है।
- बैंडवैगन नीति का पालन करना।
- इसके अलावा विश्व के देशों के सामने एक विकल्प यह है कि अपने आप को अमेरिका की नजरों से छुपा ले।
बैंडवैगन नीति :- बैंडवैगन नीति से अभिप्राय सबसे ताकतवर देश के विरोध जाने के भजन उसके वर्चस्व तंत्र में रहते हुए अवसरों का फायदा उठाना कहीं उचित रणनीति है। इसे बैंडवैगन अथवा "जैसी बहे बयार पीठ तैसी कीजे" की रणनीति कहते हैं।
"अमेरिका द्वारा चलाए गए महत्वपूर्ण अभियान"
सैन्य अभियान अमेरिकी राष्ट्रपति सन्
का नाम
1. ऑपरेशन जॉर्ज बुश 1990
डेजर्ट स्टार्म सीनियर
2. ऑपरेशन
इनफाइनाइड रीच बिल क्लिंटन 1998
3. ऑपरेशन जॉर्ज डब्ल
ड्यूरिंग फ्रीडम बुश 2001
4. ऑपरेशन जॉर्ज डब्ल्यू
इराकी फ्रीडम बुश 2003