"Class 12 Political Science Chapter 09 "
"वैश्वीकरण"
वैश्वीकरण
- वैश्वीकरण से अभिप्राय वस्तुओं और सेवाओं के प्रवाह से है।
- वैश्वीकरण वह कार्यक्रम है जिसमें हम अपने निर्णयों को दुनिया के एक क्षेत्र मे क्रियान्वित करते हैं जो दुनिया के दूरवर्ती क्षेत्र में व्यक्तियों और समुदायों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
प्रौद्योगिकी का वैश्वीकरण पर प्रभाव
- विचार पूंजी वस्तु और लोगों की विश्व के विभिन्न भागों में आवाजाही की आसानी प्रौद्योगिकी में हुई है तरक्की के कारण संभव हुई है।
- संचार साधनों की तरक्की और उनकी उपलब्धता मात्र से वशीकरण अस्तित्व में आया है।
वैश्वीकरण के राजनीतिक प्रभाव
सरकार की ताकत में कमी
- सबसे सीधा और सरल विचार यह है कि वैश्वीकरण के कारण राज्य की क्षमता यानी सरकारों को जो करना है उसे करने से ताकत में कमी आती है पूरी दुनिया में कल्याणकारी राज्य की धार ना अब पुरानी पड़ गई है और इसकी जगह न्यूनतम हाथ से ताली राजे ने ले ली है।
बाजार आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं को महत्व देना
- वैश्वीकरण के राजनीतिक प्रभाव का सबसे ज्यादा असर सरकार के लोक कल्याणकारी कामों पर पड़ा है राज्य और कुछ मुख्य काम होता कि अपने आप को सीमित रखता है जैसे कानून और व्यवस्था को बनाए रखना तथा अपने नागरिकों की सुरक्षा करना।
- इस तरह के राज्यों में अपने को पहले के कई ऐसे लोग कल्याणकारी कामों से खींच लिया है जिनका लक्ष्य आर्थिक और सामाजिक कल्याण होता था लोक कल्याणकारी राज्य की जगह बाजार आर्थिक और सामाजिक प्राथमिकताओं का प्रमुख निर्धारक है।
वैश्वीकरण के राजनीतिक प्रभाव
- पूरे विश्व में बहुराष्ट्रीय निगम अपने पैर पसार चुके हैं और उनकी भूमिका बड़ी है इससे सरकारों के अपने दम पर फैसला करने की क्षमता में कमी आती है।
- वैश्वीकरण से हमेशा राज्य की ताकत में कमी आती हो ऐसी बात नहीं राजनीतिक समुदाय के आधार के रूप में राज्य की प्रधानता को कोई चुनौती नहीं मिली है और राज्य इस अर्थ में आज भी प्रमुख है।
- विश्व की राजनीति में आप भी विभिन्न देशों के बीच मौजूदा पुराने एकता और प्रतिबंधों की दखल है।
- राज में कानून और व्यवस्था राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे अपने कानून और अनिवार्य कार्यों को पूरा कर रहे हैं।
वैश्वीकरण के आर्थिक प्रभाव
- अंतर्राष्ट्रीय संगठनों द्वारा निभाई गई भूमिका
- आर्थिक प्रवाह का तेज होना
- व्यवहारिक धरातल पर वैश्वीकरण
- आर्थिक वैश्वीकरण के कारण बढ़ती जनमत गहराई
- आर्थिक वैश्वीकरण की चिंता प्रक्रियाओं के समर्थकों का तर्क
वैश्वीकरण के सांस्कृतिक प्रभाव
सांस्कृतिक समरूपता
- वैश्वीकरण के सांस्कृतिक प्रभाव को देखते हुए वह को बल मिला है कि यह प्रक्रिया विश्व की संस्कृति को खतरा पहुंचाएगी वैश्वीकरण से यह होता है क्योंकि वैश्वीकरण सांस्कृतिक समरूपता ले आता है।
- अमेरिकी शक्ति का संपूर्ण विश्व पर प्रभाव
- संपूर्ण विश्व अवतार आज अमेरिकी शक्ति का प्रभाव बहुत तेजी से बढ़ रहा है जो यह तर्क देते हैं वह अक्सर दुनिया के मैकडोनाल्डीकरण करण की तरफ इशारा करते हैं उनका मानना है कि विभिन्न संस्कृतियों अब अपने को प्रभुत्व साली अमेरिकी ढर्रे पर बदलने लगी है।
अमेरिकी संस्कृति का नकारात्मक प्रभाव
- इसके साथ-साथ यह मान लेना एक भूल है कि वैश्वीकरण के सांस्कृतिक प्रभाव सिर्फ नकारात्मक हैं।
- हाय संस्कृति हर समय बाहरी प्रभावों को स्वीकार करते रहती है कुछ बाहरी प्रभाव नकारात्मक होते हैं क्योंकि इससे हमारी पसंद में कमी आती है।
अमेरिकी संस्कृति का सकारात्मक प्रभाव
- अमेरिकी संस्कृति को केवल नकारात्मक रूप में नहीं देखना चाहिए क्योंकि इसकी संस्कृति का सकारात्मक प्रभाव भी पड़ा है यहां हम बारिश प्रभाव से एक अनोखी बात देखते हैं कि नीली जींस के ऊपर खादी का कुर्ता पहना जा रहा है।
सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण
- सांस्कृतिक समरूपता वैश्वीकरण का एक पहलू है तो वैश्वीकरण से उसका उल्टा प्रभाव भी पैदा हुआ है।
- वैश्वीकरण से हर संस्कृति कहीं ज्यादा अलग और विशिष्ट होते जा रहे हैं इस प्रक्रिया को सांस्कृतिक वैभिन्नीकरण कहते हैं।
संरक्षणवाद - अपने देश की धरोहर का संरक्षण करना ही संरक्षणवाद है भारत दूसरे देशों की निर्यात की अनुमति नहीं देगा ताकि हमारे अपने उत्पादक चीजों को बनाना सीख सकें या भारत में स्वतंत्रता के बाद निर्णय लिया।
वैश्वीकरण की आलोचनात्मक टिप्पणी
वैश्वीकरण
- वैश्वीकरण से अभिप्राय वस्तुओं और सेवाओं के प्रवाह से हैं।
- साझा बाजार को बढ़ावा देता है।
- विश्व के देशों का सामाजिक आर्थिक राजनीतिक मेल-मिलाप करता है।
- वैश्विक समस्याओं का हल एक वैश्विक सहयोग करता है।
- व्यक्ति वस्तु विचार पूंजी का एक देश से दूसरे देशों में मुफ्त प्रवाह।
दक्षिणपंथी
- वैश्वीकरण के दक्षिणपंथी आलोचक इसके राजनीतिक आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव को लेकर चिंतित हैं।
- राजनीतिक अर्थों में उन्हें राज्य के कमजोर होने की चिंता है।
- सांस्कृतिक संदर्भ में इनकी चिंता है कि परंपरागत संस्कृति की हानि होगी और लोग अपने सदियों पुराने जीवन मूल्य तथा तौर तरीकों से हाथ धो बैठेंगे।
वामपंथी
- वामपंथी राजनीतिक रुझान रखने वालों का तर्क है कि मौजूदा वैश्वीकरण विश्वव्यापी पूंजीवाद की एक खास व्यवस्था है जो धनी लोगों को और धनी एवं गरीब लोगों को और गरीब बनाती है।
- राज्य के कमजोर होने से गरीबों के हित की रक्षा करने की क्षमता में कमी आती है।
वैश्वीकरण के प्रतिरोध को लेकर भारत की क्या अनुभव है?
वैश्वीकरण की आलोचना केवल भारत में ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व में हो रही है वैश्वीकरण के आलोचक कई तर्क देते हैं :-
- वामपंथी विचार के अनुसार वशीकरण शनिवार को बढ़ावा देकर धनी तथा गरीब के अंतर को बढ़ावा है।
- वैश्वीकरण के दक्षिणपंथी आलोचक इसके राजनीतिक आर्थिक और सांस्कृतिक प्रभाव को लेकर चिंतित हैं
राजनीतिक प्रभाव - राजनीतिक अर्थों में उन्हें राज्य के कमजोर होने की चिंता है।
सांस्कृतिक प्रभाव - सांस्कृतिक संदर्भ में इनकी चिंता है कि परंपरागत संस्कृति की हानि होगी और लोग अपने सदियों पुराने जीवन मूल्य तथा तौर तरीकों से हाथ धो लेंगे।
वैश्वीकरण की विशेषताएं
- आपसी जुड़ाव परवल
- आपसी जुड़ाव से हितों में समानता
- आपसी जुड़ाव से संस्कृतियों में अंत:क्रिया
- प्रवाह में गतिशीलता।
- उदार पूंजीवादी व्यवस्था में बढ़ावा।
- वैश्विक समस्याओं का हल वैश्विक सहयोग।
- विभिन्न आर्थिक घटनाएं जैसे मंदी, तेजी, महामारियों जैसे ऐंथ्रेक्स, इबोला, HIV, AIDS, स्वाइन फ्लू जैसे मामलों में वैश्विक सहयोग एवं प्रभाव।
वैश्वीकरण के कारण
- विज्ञान व तकनीक का विकास
- देशों के आपसे निर्भरता
- वैश्विक घटनाओं का वैश्विक प्रभाव
- परिवहन तथा संचार साधनों में उन्नति
- उदारीकरण की नीति बाजार व्यवस्था
- बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा विश्व को एक बाजार बनाने का प्रयास
WSF
- World Social Form {विश्व व्यापी मंच}
- पहली बैठक सन 2001 में ब्राजील के पोर्टो अल्गेरे में हुआ
- चौथी बैठक 2004 में भारत के मुंबई में हुआ
- सातवीं बैठक जनवरी 2007 में कीनिया के नैरोबी में हुआ