"संविधान सभा"
संविधान की मांग
अप्रत्यक्ष मांग :
- सबसे पहले 1895 में लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने स्वराज विधेयक पेश किया इसी में पहली बार स्वराज का अप्रत्यक्ष रूप से जिक्र किया गया।
- 1996 में कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता करते हुए दादाभाई नरोजी ने अप्रत्यक्ष रूप से दूसरी बार मांग की।
सांकेतिक मांग :
- 1922 में सांकेतिक रूप से महात्मा गांधी ने स्वराज्य की मांग की। महात्मा गांधी ने कहा- स्वराज भारतीय लोगों के उत्साह की अभिव्यक्ति होगा ना कि ब्रिटिश शासन का कोई उपहार।
- 1923 सप्रू समिति
- कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिया बिल
- 1925 में दिल्ली की सर्वदलीय सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए महात्मा गांधी ने स्वराज को प्राथमिकता दी।
प्रत्यक्ष मांग :
- संविधान सभा की सर्वप्रथम प्रत्यक्ष रूप से मांग 1934 में मार्क्सवादी विचारक एमएन राय ने की।
- दूसरी बार संविधान सभा की प्रत्यक्ष रूप से मानसून 136 में कांग्रेस ने फैजपुर अधिवेशन में किया।
फैजपुर अधिवेशन
- कांग्रेस का यह पहला ऐसा अधिवेशन था जो गांव में हुआ था।
- इसके पहले 1935 में भी कांग्रेस ने आधिकारिक ढंग से संविधान सभा के गठन की मांग कर दिया था।
1938 जवाहरलाल नेहरू का स्टेटमेंट :
- स्वतंत्र भारत का संविधान बिना किसी बाहरी हस्तक्षेप के ऐसी संविधान सभा द्वारा निर्मित किया जाएगा जो वयस्क मताधिकार के आधार पर निर्वाचित हो।
- नेहरू के इस मांग को अंग्रेजों ने 1940 में स्वीकार कर लिया जिसे अगस्त प्रस्ताव के नाम से जाना गया
क्रिप्स मिशन -1942 ( स्टेफर्ड किप्स द्वारा) :
- द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान भारत आया और उसमें लिखा था - द्वितीय विश्व युद्ध के बाद भारत के संविधान सभा का निर्माण किया जाएगा जो भारतीयों के द्वारा निर्मित होगी।
- इसे तो सबसे पहले मुस्लिम लीग ने अस्वीकार कर दिया।
- दूसरे नंबर पर महात्मा गांधी ने भी अस्वीकार कर दिया और इससे ही महात्मा गांधी ने Post Dated Cheque कहा। (क्रिप्स मिशन यही फेल हो गया)
- उधर विश्व युद्ध खत्म होने के बाद UNO की स्थापना हुई।
- और इधर ब्रिटेन में नए PM इटली बने और UN ने ब्रिटेन पर दबाव डाला कि भारत को मुक्त करो।
- इसके बाद ब्रिटेन से 1946 में कैबिनेट मिशन भारत आया।
कैबिनेट मिशन
1. स्टेफर्ड किप्स (बोर्ड ऑफ ट्रेड के सचिव)
2. पैंथिक लॉरेंस (भारत राज्य सचिव)
3. A. B. एलेग्जेंडर (ब्रिटिश सरकार में नौसेना मंत्री)
- इसी कैबिनेट मिशन के आधार पर संविधान सभा का गठन हुआ।
- उस समय पहले भारत में देशी रियासतें थी।
- और दूसरे ब्रिटिश भारत के प्रांत थे।
संविधान सभा (389- सीटें)
ब्रिटिश भारतीय प्रांत
गवर्नर (296)
- निर्वाचित सदस्य
- इसका निर्वाचित सदस्य विधान निर्वाचन प्रांतीय विधानसभा द्वारा होगा।
- सांप्रदायिक निर्वाचन प्रणाली को स्वीकार किया गया।
मुख्य आयुक्त (4)
- मुस्लिम, सिख और सामान्य के लिए सीटें आरक्षित की गई।
- एकल संक्रमणीय पद्धति
- आनुपातिक प्रतिनिधित्व
- 10लाख पर एक सीट
देशी रियासतें (93- सीटे)
- यह निर्वाचित नहीं थे बल्कि इन्हें देशी रियासत के चीफ द्वारा मनोनीत किया गया।
चुनाव
- जुलाई-अगस्त 1946 को हुआ
- अक्टूबर-नवंबर 1946 में परिणाम घोषित हुआ।
कुल - (296 ब्रिटिश भारतीय प्रांत के)
- कांग्रेस ने - 208 सीटें जीती।
- मुस्लिम लीग - 73 सीटें जीती
छोटे दल व स्वतंत्र उम्मीदवार - 15 सीटें
- निर्दलीय पार्टी - 08
- सिक्ख - 01
- कृषक प्रजा पार्टी - 01
- यूनियनिस्ट मुस्लिम पार्टी - 01
- यूनियनिस्ट पार्टी - 01
- कम्युनिस्ट पार्टी - 01
- यूनियनिस्ट शेड्यूल कास्ट - 01
- यूनियनिस्ट सेड्यूल फेडरेशन - 01
संविधान सभा का गठन 6 दिसंबर 1946 को हुआ।
- प्रथम बैठक 9 दिसंबर 1946
- द्वितीय बैठक 11 दिसंबर 1946
- तृतीय बैठक 13 दिसंबर 1946
11 दिसंबर 1946
अध्यक्ष
- डॉ राजेंद्र प्रसाद
उपाध्यक्ष
- H.C मुखर्जी
संवैधानिक सलाहकार
- B. N राव