"Pol Science - GKGS"
"संविधान सभा की कार्यप्रणाली"
संविधान सभा की बैठक (9 दिसंबर 1946)
- इस बैठक में 389 सदस्य में से मात्र 211 सदस्यों ने ही भाग लिया क्योंकि मुस्लिम लीग ने इस बैठक का बहिष्कार किया। (वे स्वतंत्र पाकिस्तान की मांग कर रहे थे)।
- देशी रियासतों के अधिकांश प्रतिनिधियों ने भी संविधान सभा से खुद को दूर रखा।
- संविधान सभा की प्रथम बैठक के अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा थे (यह सबसे वरिष्ठ व्यक्ति थे)।
- संविधान सभा की पहली बैठक का अध्यक्ष सबसे वरिष्ठ व्यक्ति होगा ये फ्रांस से लिया गया है।
संविधान सभा की दूसरी बैठक (11 दिसंबर 1946)
- डॉ राजेंद्र प्रसाद को दूसरी बैठक का स्थाई सदस्य चुना गया।
- दूसरी बैठक के उपाध्यक्ष H.C मुखर्जी थे
- बाद में एक और उपाध्यक्ष B.T कृष्णचारी नियुक्त किए गए।
- दूसरी बैठक के संवैधानिक सलाहकार डॉ भीमराव अंबेडकर थे
संविधान सभा की तीसरी बैठक (13 दिसंबर 1946)
- संविधान सभा की तीसरी बैठक में जवाहरलाल नेहरू के द्वारा एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया गया जिसका नाम था उद्देश्य प्रस्ताव।
- इस प्रस्ताव को संविधान सभा ने 22 जनवरी 1947 को मान लिया।
- जैसे ही इस प्रस्ताव को संविधान सभा ने स्वीकार किया उसी दिन से संविधान सभा एक संप्रभु व स्वतंत्र संस्था बन जाती है।
- अब ब्रिटिश सरकार ने भारत के संदर्भ में पहले जितने भी नियम कानून बनाए थे उन सभी को सुनने घोषित करने का संविधान सभा को अधिकार मिल गया।
उद्देश्य प्रस्ताव
- अब संविधान सभा एक संप्रभु और स्वतंत्र संस्था है
- संविधान सभा यह वादा करती है कि वह अल्पसंख्यक ST और SC के हितों की रक्षा करेगी।
- वह भारत के नागरिकों को सामाजिक,आर्थिक और राजनीतिक न्याय देगी।
- अभिव्यक्ति व धर्म की स्वतंत्रता देगी।
पुनर्गठित संविधान सभा
पहले जो कुल 389 सीटें थी अब इनकी संख्या घट गई। (क्योंकि पाकिस्तान के हिस्से के प्रतिनिधि पाकिस्तान में शामिल हुए तो भारतीय संविधान सभा से उनका प्रतिनिधि समाप्त कर दिया गया)
पुनर्गठन से पहले
- 296 निर्वाचित सदस्य
- 93 देसी रियासतो के द्वारा मनोनीत सदस्य
पुनर्गठन के बाद
- 229 निर्वाचित सदस्य
- 70 देसी रियासतों के द्वारा मनोनीत सदस्य
संविधान सभा की समितियां
1. संघ संविधान समिति
- सभापति - जवाहरलाल नेहरू
2. संघ शक्ति समिति
- सभापति - जवाहरलाल नेहरू
3. राज्यों के लिए समिति
- सभापति - जवाहरलाल नेहरू
4. प्रांतीय संविधान समिति
- सभापति - सरदार बल्लभ भाई पटेल
5. प्रारूप समिति
- सभापति - डॉ भीमराव अंबेडकर
6. संचालन समिति
- सभापति - डॉ राजेंद्र प्रसाद
7. नियम और प्रक्रिया समिति
- सभापति - डॉ राजेंद्र प्रसाद
8. मूल अधिकार एवं अल्पसंख्यक समिति
- सभापति - सरदार बल्लभ भाई पटेल
Note : संविधान बनाने के लिए 8 बड़ी कमेटियां और 13 छोटी कमेटियां गठित की गई थी।
प्रारूप समिति (सदस्यों की संख्या - 7)
29 अगस्त 1947
- भीमराव अंबेडकर सभापति
- K. M. मुंशी
- अल्लादी कृष्णस्वामी अय्यर
- गोपाल स्वामी आयंगर
- मोहम्मद सादुल्लाह
- B. L. मित्रर (N. माधव राव)
- D. P. खेतान (T. T. कृष्णाचारी)
Note :
- B. L. मित्रर ने उम्र ज्यादा होने के कारण इस्तीफा दे दिया और इनके जगह N. माधव राव नियुक्त हुए।
- D. P. खेतान के मृत्यु के बाद T. T. कृष्णाचारी नियुक्त हुए।
डॉ भीमराव अंबेडकर का निर्वाचन क्षेत्र
- भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के पारित होने के पहले संविधान सभा में भीमराव अंबेडकर का निर्वाचन बंगाल के निर्वाचन क्षेत्र से हुआ था।
- परंतु भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 के पारित होने के बाद (ब्रिटेन संसद में) भीमराव संविधान सभा में निर्वाचन मुंबई प्रांत से हुआ।
प्रारूप समिति
पहला प्रारूप
- फरवरी 1948 में यह संविधान का प्रारूप तैयार करके देती है और इसी से महीने में कुछ प्रारूप समिति की 141 बैठकर हुई।
दूसरा प्रारूप
- प्रारूप समिति अक्टूबर 1948 में दूसरा प्रारूप तैयार करके देती है फिर उसका वाचन किया जाता है।
प्रारूप वाचन
प्रथम वाचन
- 4 नवंबर से 9 नवंबर 1948 तक
द्वितीय वाचन
- 15 नवंबर 1948 से 17 अक्टूबर 1949
तृतीय वाचन
- 14 नवंबर 1949 से 26 नवंबर 1949
*तीसरे वाचन में भीमराव अंबेडकर ने एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया और उसी दिन 26 नवंबर 1949 को संविधान पूर्ण रूप से बनकर तैयार हो गया ना सिर्फ तैयार हो गया बल्कि इसी दिन संविधान के चार प्रावधानों और 16 अनुच्छेदों को भी लागू कर दिया गया।
प्रावधान
- चुनाव
- अंतरिम संसद
- नागरिकता
- अस्थाई व संक्रमणकालीन उपबंध
Note :
- संविधान सभा की अंतिम बैठक 26 जनवरी 1950 संविधान बनने के बाद हुई।
इस बैठक की मुख्य बातें
- डॉ राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा की सर्वसम्मति से स्वतंत्र भारत में का प्रथम राष्ट्रपति घोषित किया गया।
- जन गण मन को राष्ट्रीय गान का दर्जा मिला 24 जनवरी 1950 को।
- वंदे मातरम को राष्ट्रगीत का दर्जा मिला 24 जनवरी 1950 को।
संविधान सभा के द्वारा किए गए कार्य
- मई 1950 में राष्ट्रमंडल देशों की सदस्यता ग्रहण किया।
- 22 जुलाई 1947 को तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज अपनाया।
- संविधान सभा का गठन केवल संविधान के निर्माण के लिए किया गया था परंतु जब तक नेहरू का कैबिनेट नहीं बन गया तब तक संविधान सभा ने संसद के रूप में भी काम किया।
संविधान के निर्माण के रूप में
- अध्यक्षता - डॉ राजेंद्र प्रसाद ने की 9 दिसंबर 1946 से 26 नवंबर 1949
- सांसद के रूप में
- अध्यक्षता - जीवी मावलंकर ने की थी 17 नवंबर 1947 से प्रथम आम चुनाव 51 52 तक
Note : संविधान पूर्ण रूप से 26 नवंबर 1949 को बन गया परंतु इसे 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया क्योंकि 26 जनवरी 1930 को पूर्ण स्वराज दिवस मनाया गया था।
- समय - 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन
- खर्चा - 64 लाख
- बैठके - 11 बैठके