'प्रवास; प्रकार; कारण और परिणाम'
प्र.1. किस नगरीय समूह में प्रवासी जनसंख्या का अंत सर्वाधिक है?
उ.1. मुंबई।
प्र.2. किस राज्य में विवाह स्त्रियों के प्रवास का मुख्य कारण नहीं है?
उ.2. मेघालय।
प्र.3. भारत में प्रवास की कौन सी धारा पुरुष प्रधान है?
उ.3. ग्रामीण से नगरीय।
प्र.4. किस राज्य में सर्वाधिक संख्या में अप्रवासी आते हैं?
उ.4. महाराष्ट्र।
प्र.5. भारत में सबसे अधिक प्रवास किस देश में हुआ है?
उ.5. बांग्लादेश (30 लाख)।
प्र.6. भारत में किस राज्य में सर्वाधिक उत्प्रवासी है?
उ.6. उत्तर प्रदेश (26 लाख)।
प्र.7. आंतरिक प्रवास की चार प्रमुख धाराएं कौन सी है?
उ.7. (i) ग्रामीण से ग्रामीण।
(ii) ग्रामीण से नगरी।
(iii) नगरी से नगरी।
(iv) नगरी से ग्रामीण।
प्र.8. नगरीय समूहनो में किस नगर में सबसे अधिक संख्या में प्रवासी आते हैं और क्यों?
उ.8. वृहत मुंबई में क्योंकि यह भारत का सबसे बड़ा महानगर है सबसे पतन वह विवेक नगर भी है इसलिए श्रमिक यहां रोजगार के अच्छे अवसरों के कारण प्रवास करते हैं।
प्रवास के प्रकार: (i) आप प्रवास जहां प्रवासी आते हैं। (ii) उत्प्रवास जहां से प्रवासी जाते हैं।
प्र.9. प्रवास के मुख्य परिणामों की व्याख्या कीजिए।
उ.9. आर्थिक परिणाम: प्रवास का मुख्य कारण आर्थिक क्रियाओं के द्वारा धन प्राप्त करना है जिसके लिए विभिन्न स्थानों से प्रवास किया जाता है।
जनांकिकीय परिणाम: प्रवास से देश के अंदर जनसंख्या का पूर्ण वितरण होने से आयु लिंग अनुपात में गहरा प्रभाव पड़ता है।
सामाजिक परिणाम: प्रवासी सामाजिक परिवर्तन के कार्यकर्ताओं के रूप में कार्य करते हैं और नवीन प्रोधोगिकियों, परिवार नियोजन, बालिका शिक्षा इत्यादि से संबंधित नए विचारों का नगरी क्षेत्रों से ग्रामीण क्षेत्रों की ओर विसरण इन्हीं के द्वारा होता है।
पर्यावरणीय परिणाम: ग्रामीण से नगरी प्रवास के और बढ़ने से नगरों में जनसंख्या बढ़ती है जिससे वहां की भौतिक व नागरिक एवं व्यक्तिगत सुविधाएं कम हो जाती है और गंदी बस्तियां बसने लगती है।
प्र.10. प्रवास के नकारात्मक सामाजिक परिणाम क्या है?
उ.10. प्रवास संस्कृति के विकास में सकारात्मक योगदान देने के साथ नकारात्मक परिणाम भी देता है।
(i) व्यक्तियों में भिन्नता व सामाजिक निर्वात की भावना बढ़ती है।
(ii) विनीता की भावना में लोग अपराध व औषध दुरुपयोग व मदिरापान जैसी असामाजिक क्रियाओं को बढ़ावा देती है।
(iii) इससे सामाजिक अपराध बढ़ जाते हैं
प्र.11. भारत में स्थानिक के जनांकिकीय एवं पर्यावरणीय परिणामों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उ.11. भारत में प्रवास के जनांकिकी है परिणाम:
- प्रभात से देश के अंदर जनसंख्या के वितरण में असंतुलन पैदा होता है।
- ग्रामीण क्षेत्रों से युवा आयु वाले दक्ष एवं कुशल लोगों द्वारा नगर की ओर प्रवास करने से ग्रामीण जनांकिकीय संघठन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- नगरों की जनसंख्या में आयु व लिंग संरचना में गंभीर असंतुलन पैदा हो जाता है।
- नगरों में बढ़ती जनसंख्या प्रवास का परिणाम है।
प्रभास के पर्यावरण परिणाम:
- बड़ी संख्या में लोग ग्रामीण क्षेत्रों से नगरी क्षेत्र की और प्रवास करते हैं जिससे नगरों में भीड़ भार बढ़ जाती है और नगरों के वर्तमान सामाजिक और भौतिक ढांचे पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है।
- नगरों में भीड़ भाड़ बढ़ने से नगरीय बस्तियों की अनियोजित वृद्धि होती है जिससे गंदी बस्तियां और क्षुद्र कॉलोनियों का निर्माण होता है।
- नगरों में प्राकृतिक संसाधनों के अतिशोषण से भोम जल स्तर में गिरावट, वायु प्रदूषण, मानव मल के निपटान और ठोस कचरे के प्रबंधन जैसे अनेकों गंभीर समस्या पैदा हो जाती है।
प्र.12. प्रवास क्या है? प्रवास को प्रभावित करने वाले कारकों के दो समूह कौन से हैं?
उ.12. प्रभास एक स्थान से दूसरे स्थान पर जनसंख्या का स्थानांतरण प्रवास कहलाता है।
प्रवास को प्रभावित करने वाले कारकों के दो समूह:
प्रतिकर्ष कारण:- ग्रामीण क्षेत्रों में बेरोजगारी, रहन-सहन की निम्न दशाएं, राजनीतिक उपद्रव, प्रतिकूल जलवायु, प्राकृतिक विपदा, महामारी आदि के कारण लोग गांव से नगरों की और प्रवास करते हैं।
अपकर्ष कारक: नगरों में काम के बेहतर अवसर, रहन-सहन की अच्छी दशाएं, शांति व स्थायित्व जीवन और संपत्ति की सुरक्षा, अनुकूल जलवायु, शिक्षा और मनोरंजन के साधनों के कारण लोग नगरों की ओर आकर्षित होते हैं।
भारत में प्रवास के आर्थिक परिणाम:
- पंजाब, केरल और तमिलनाडु अपने अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों से महत्वपूर्ण विदेशी मुद्रा प्राप्त करते हैं।
- पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा के ग्रामीण क्षेत्रों से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में प्रवास से यह प्रवासी कृषि में हरित क्रांति को सफल बना रहे हैं।
- भारत के महानगरों में अनियंत्रित प्रवास ने महानगरों को गंदी बस्तियों में बदल दिया है।
- प्रवास से भारत के महानगरों में बड़ी भीड़ हो गई है जिससे महानगरों में मौलिक सुविधाओं की कमी अनुभव होती है।
- प्रवासियों द्वारा पहुंचाई जा रही हुंडियों ने उनके मूल स्थानों में परिवर्तन लोन में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
प्रवास के कारण:-
(i) अपकर्ष कारक: जो लोगों को विभिन्न स्थानों से अपनी और आकर्षित करते हैं।
(ii) प्रतिकर्ष कारक: जो लोगों को अपना निवास छुड़वाने का कारण बनते हैं।
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