'मानव विकास'
MCQ Questions:
प्र.1. मानव विकास सूचकांक (2011) के संदर्भ में विश्व के देशों में भारत का कौन सा स्थान है?
उ.1. 131वां (0.624)।
प्र.2. मानव विकास सूचकांक में भारत के किस राज्य की कोटि उच्चतम है?
उ.2. केरल (0.790)।
प्र.3. मानव विकास सूचकांक में भारत के किस राज्य की कोटी निम्नतम है?
उ.3. छत्तीसगढ़ (0.358)।
प्र.4. भारत के किस राज्य में स्त्री साक्षरता दर न्यूनतम तथा उत्तम है?
उ.4. निम्नतम - राजस्थान (52.66)।
उच्चतम - केरल (91.98)।
प्र.5. भारत के उन राज्यों के नाम बताइए जहां साक्षरता दर सर्वाधिक और सबसे कम है?
उ.5. उच्चतम - केरल (93.91)।
निम्नतम - बिहार (63.82)।
प्र.6. भारत के किन केंद्र शासित प्रदेशों की साक्षरता दर उच्चतम तथा निम्नतम है?
उ.6. उच्चतम - लक्ष्यद्वीप (92.28)।
निम्नतम - दादरा और नगर हवेली (77.65)।
प्र.7. भारत के किन राज्यों में 0 - 6 आयु वर्ग के बच्चों में लिंग अनुपात निम्नतम है?
उ.7. पंजाब, हरियाणा (850/1000)।
प्र.8. संयुक्त राष्ट्र ने कब सर्वप्रथम मानव विकास प्रतिवेदन प्रस्तुत किया?
उ.8. 1990 में।
प्र.9. भारत में औसत जीवन प्रत्याशा कितनी है? (2011 के जनगणना के अनुसार)।
उ.9. 65 वर्ष।
प्र.10. भारत के वे कौन से दो राज्य हैं जहां गरीबी की रेखा के नीचे रहने वाले की आबादी अन्य राज्यों की तुलना में अधिक है?
उ.10. बिहार (51.91), झारखंड (42.16)।
Important Questions
प्र.1. मानव विकास क्या है?
उ.1. मानव विकास लोगों की रोटियों को विस्तृत करने तथा उनके हितों व कल्याण के स्तर को उठाने की प्रक्रिया है इसके लिए स्वस्थ जीवन सर्वाधिक महत्वपूर्ण तत्व है।
प्र.2. उत्तरी भारत के अधिकांश राज्यों में मानव विकास के निम्न स्तरों के तीन कारण बताइए।
उ.2. गरीबी: पंजाब एवं हरियाणा को छोड़कर अन्य राज्यों उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा, मध्य प्रदेश और असम में गरीबी के कारण मानव विकास नहीं हो पाया है इन राज्य में प्रति व्यक्ति आय ₹2000 से भी कम है।
निम्न साक्षरता दर: भारत में कुल साक्षरता दर की अपेक्षा इन राज्यों में साक्षरता दर काफी कम है साक्षरता मानव विकास को दर्शाती है इसलिए उत्तरी भारत में राज्यों में मानव विकास सूचकांक निम्न स्तर का है।
निम्न स्वास्थ्य सुविधाएं: जिन राज्यों में स्वास्थ्य सुविधाएं अच्छी नहीं है या गरीबों की पहुंच से बाहर है उन राज्यों में मानव विकास पर विपरीत असर पड़ता है।
प्र.3. आधुनिक विकास के मुख्य दुष्परिणामों की व्याख्या कीजिए।
उ.3. (i) आधुनिक विकास के कारण सामाजिक अन्याय काफी बढ़ गया है समाज का एक वर्ग अत्यधिक सुख-सुविधाओं का भोग कर रहा है जबकि दूसरे को मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल पा रही हैं।
(ii) आधुनिक विकास से प्रादेशिक असंतुलन देखने को मिलता है कुछ राज्य विकास की दौड़ में काफी आगे हैं जैसे केरल पंजाब तमिलनाडु आदि वही बिहार उड़ीसा झारखंड जैसे राज्य काफी पीछे हैं।
(iii) आधुनिक विकास ने पर्यावरण को बहुत प्रदूषित किया है।
प्र.4. मानव विकास क्यों आवश्यक है? स्पष्ट कीजिए।
उ.4. (i) लोगों के विकल्पों को बढ़ाना और जनकल्याण के स्तर को ऊंचा उठाना ही मानव विकास है।
(ii) जनकल्याण से तात्पर्य दीर्घ स्वास्थ्य जीवन, शिक्षा और रहन-सहन के उच्च स्तर से है।
(iii) समाज के विकास के लिए अशांति को कम करने के लिए संसाधनों के कुशल उपयोग और नई प्रौद्योगिकी विकसित करने के लिए मानव विकास जरूरी है।
प्र.5. सामाजिक सशक्तिकरण मानव विकास का महत्वपूर्ण सूचक है। भारत के संदर्भ में स्पष्ट करें।
उ.5. मानव विकास तभी सार्थक है जब मनुष्य भूख, गरीबी, दास्ता, बंधुता, मजदूरी, निरक्षरता आदि से मुक्त हो और यह तभी संभव है जब प्रत्येक व्यक्ति को इतना समर्थ बनाया जाए कि वह इन बंधनों से मुक्त हो सके इसलिए मानव विकास को पाने के लिए समाज के सभी वर्गों को साक्षर स्वस्थ और आत्मनिर्भर होना आवश्यक है।
प्र.6. आर्थिक विकास किस तरह मानव विकास को प्रभावित करता है? स्पष्ट कीजिए।
उ.6. (i) आर्थिक विकास मनुष्य के संसाधनों तक पहुंच सुनिश्चित करता है। आर्थिक विकास को हम व्यक्ति की आय से मापते हैं आय से ही कोई भी व्यक्ति प्रकृतिक मानव रचित संसाधनों जैसे शिक्षा स्वास्थ्य को पा सकता है।
(ii) भारत में इस क्षेत्र में काफी विभिनता देखने को मिलती है महाराष्ट्र, पंजाब, गुजरात, दिल्ली जैसे राज्य में प्रति व्यक्ति आय अधिक है जबकि उत्तर प्रदेश, बिहार, उड़ीसा में कम है।
(iii) इस राज्य में लोगों द्वारा संसाधनों के उपभोग की क्षमता में अंतर पाया जाता है।
(iv) जैसे पंजाब में एक व्यक्ति 1 महीने में ₹690 अपने ऊपर वह करता है। उत्तर प्रदेश एवं बिहार में यह सिर्फ ₹520 प्रति व्यक्ति है।
प्र.7. मानव विकास सामाजिक एवं प्राकृतिक पर्यावरण से क्या संबंध है? उचित उदाहरण द्वारा स्पष्ट कीजिए।
उ.7. (i) ऐसा माना जाता है कि मानव विकास की चरम स्थिति प्राप्त कर लेने पर हमें सभी समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है ऐसा कुछ हद तक होता भी है मनुष्य के रहन-सहन के स्तर में सुधार आता है लेकिन यह विकास कभी-कभी चरम सामाजिक विषमताओं को भी जन्म देता है।
(ii) मानव विकास के क्रम में पर्यावरण पर भी विपरीत असर पड़ता है एक तरफ जहां हम प्राकृतिक संसाधनों का विवेकपूर्ण शोषण करते हैं वहीं दूसरी तरफ प्रदूषण भी फैलाते हैं।
(iii) यह परिस्थितियां जैसे सामाजिक विषमता समाज में बेचैनी वर्ग संघर्ष को जन्म दे सकते हैं तथा प्रदूषण पृथ्वी के पर्यावरण को हानि पहुंचा रहा है।
(iv) इन परिस्थितियों से बचकर ही हमें मानव विकास को सही अर्थों में उपलब्ध करने का प्रयास करना चाहिए।