'मानव विकास'
MCQ Questions:
प्र.1. मानव विकास के केंद्र बिंदु कौन कौन से हैं?
उ.1. स्वास्थ्य, संसाधनों तक पहुंच, शिक्षा।
प्र.2. सार्थक जीवन का क्या अर्थ है?
उ.2. ऐसा जीवन जो केवल दीर्घ ना हो अपितु जीवन का एक उद्देश्य हो।
प्र.3. निम्नलिखित में से मानव विकास का कौन सा उपागम सबसे प्राचीन उपागमो में से एक है?
उ.3. आय उपागम।
प्र.4. मानव विकास की अवधारणा का प्रतिपादन किसने किया?
उ.4. महबूब उल हक।
प्र.5. सशक्तिकरण जो कि मानव विकास का एक स्तंभ है मैं किसके सशक्तिकरण की बात की गई है?
उ.5. सामाजिक तथा आर्थिक दृष्टि से पिछड़े समूह का सशक्तिकरण।
प्र.6. मानव विकास क्यों आवश्यक है?
उ.6. (i) देश के विकास के लिए।
(ii) प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि के लिए।
(iii) संसाधनों के कुशल उपयोग के लिए।
प्र.7. मानव विकास सूचकांक के विभिन्न देशों के प्रदर्शन के आधार पर जो कर्म तैयार किया जाता है वह होता है ____ के बीच के स्कोर पर आधारित?
उ.7. 0 से 1।
प्र.8. मानव विकास सूचकांक में भारत का कौन सा पायदान है?
उ.8. 130 वां।
प्र.9. मानव विकास सूचकांक में सबसे प्रथम पायदान पर कौन सा देश है?
उ.9. नार्वे।
प्र.10. वह कौन से कथन हैं जो वृद्धि के संदर्भ में सत्य है?
उ.10. (i) वृद्धि मात्रात्मक है।
(ii) वृद्धि का चिन्ह धनात्मक या ऋण आत्मक हो सकता है।
प्र.11. मानव विकास सूचकांक क्या है?
उ.11. मानव विकास सूचकांक एक पैमाना है जिसकी सहायता से किसी भी देश के लोगों के विकास को मापा जाता है।
प्र.12. संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम द्वारा प्रथम मानव रिपोर्ट कब प्रकाशित की गई?
उ.12. 1990 में।
प्र.13. कौन से एकमात्र देश ने सफल राष्ट्रीय प्रसन्नता को देश की प्रगति की अधिकारिता माप घोषित किया है?
उ.13. भूटान।
Important Questions:
प्र.1. वृद्धि और विकास में क्या समानता तथा क्या अंतर है?
उ.1. समानता: दोनों का संबंध समय के अनुसार परिवर्तन से है।
अंतर: वृद्धि मात्रात्मक होती है तथा इसके चिन्ह धनात्मक तथा ऋण आत्मक होते हैं विकास का अर्थ गुणात्मक परिवर्तन से है।
प्र.2. डॉक्टर 'महबूब - उल - हक' के अनुसार विकास की परिभाषा लिखें।
उ.2. (i) डॉक्टर 'महबूब उल हक' ने मानव विकास की परिभाषा में अवसरों की पहुंच समाज के नियंत्रण स्तर पर जीवन यापन करने वाले लोगों तक पहुंचने की बात कही है।
(ii) तभी विकास लोगों की इच्छाओं और उसके जीवन में सार्थक सुधार लाता है।
(iii) इस विचारधारा का केंद्र बिंदु मानव है इच्छाएं सदैव बढ़ती रहती है।
(iv) विकास का उद्देश्य है कि मनुष्य एक सार्थक जीवन जी सकें।
प्र.3. मानव विकास क्यों महत्वपूर्ण है?
उ.3. (i) मानवीय विकास से राष्ट्रीय आय और प्रति व्यक्ति आय में वृद्धि की जा सकती है
(ii) यदि देश में योग्य कुशल प्रति भावना व्यक्ति वैज्ञानिक आदि होंगे तो देश के प्राकृतिक संसाधनों का पूर्ण सकुशल शोषण होगा।
(iii) मानव विकास में उत्पादन की नई तकनीकों का विकास होगा।
(iv)श्रम ना केवल उत्पादक है बल्कि उपभोग भी है वह केवल वस्तुओं तथा सेवाओं का उत्पादन ही नहीं करेगा अपितु उनका उपयोग भी करता है इस तरह श्रम वस्तुओं की और सेवाओं की मांग करता है।
मानव विकास के स्तंभ:
- समता
- सतत् पोषणीयता
- उत्पादकता
- सशक्तिकरण
समता:- प्रत्येक व्यक्ति को उपलब्ध अवसरों के लिए समान पहुंच की व्यवस्था करना। लोगों को उपलब्ध अवसरों लिंग जाति और किसी प्रकार का भेदभाव ना हो।
सतत पोषणीयता:- सतत पोषणीयता मानव विकास के लिए जरूरी है क्योंकि इसका अर्थ है कि संसाधनों का इस्तेमाल कैसे करें जिससे आने वाली पीढ़ी को इसमें कोई कमी ना हो। संसाधनों के दुरुपयोग पर रोक लगाया जाए।
उत्पादकता:- मानव श्रम या मानव के कार्य के संदर्भ में लोगों को समर्थ और सब सक्षम बनाकर मानव श्रम की उत्पादकता को नियंत्रित बेहतर बनाना चाहिए। लोगों का ज्ञान तथा चिकित्सा सुविधा को बढ़ाना चाहिए।
सशक्तिकरण:- अपने विकल्प चुनने के लिए शक्ति प्रदान करना यह शक्ति बढ़ती हुई स्वतंत्रता और क्षमता से आती है। आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े हुए लोगों को हर तरह से सशक्त बनाना चाहिए।
प्र.4. मानव विकास के विभिन्न उपायों का वर्णन करें।
उ.4. (i) आय उपागम: यह मानव के सबसे पुराने उपागम में से एक है इसमें मानव विकास को आए के साथ जोड़कर देखा जाता है आका उच्च स्तर विकास के ऊंचे स्तर को दर्शाता है।
(ii) कल्याण उपागम: उपागम मानव को लाभार्थी अथवा सभी विकासात्मक गतिविधियों के लक्ष्य के रूप में देखता है सरकार कल्याण पर अधिकतम वह करके मानव विकास के स्तर में वृद्धि करने के लिए जिम्मेदार है।
(iii) आधारभूत आवश्यकता उपागम: इस उपागम को मूल रूप से अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन ने प्रस्तावित किया था। इसमें 6 अवस्थाओं जैसे शिक्षा, भोजन, जलापूर्ति, स्वच्छता, स्वास्थ्य और आवास की पहचान की गई थी इसमें मानव विकल्पों के प्रशन की गई है।
(iv) क्षमता उपागम: इस उपागम का संबंध 'प्रो० अर्मत्य सेन' से है संसाधनों तक पहुंच के क्षेत्रों में मानव क्षमताओं का निर्माण बढ़ते मानव संस्थाओं का निर्माण बढ़ते मानव विकास की कुंजी है।
प्र.5. संसार के किसी विशेष प्रदेश में मानव विकास के निम्न अथवा उच्च स्तर क्यों दिखाई पड़ते हैं? उपयुक्त कारण देकर स्पष्ट करें।
उ.5. उच्च स्तर वाले देश: (i) इन देशों में सेवाओं जैसे शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर सरकार द्वारा अत्यधिक निवेश किया जाता है तथा इन सेवाओं को उपलब्ध कराना सरकार की प्राथमिकता होती है।
(ii) राजनीतिक उपद्रव व सामाजिक अस्थिरता यहां पर नहीं पाई जाती है।
(iii) यहां बहुत अधिक सामाजिक विविधता नहीं है।
(iv) इन देशों में नार्वे, आइसलैंड, ऑस्ट्रेलिया, लेक्जेमबर्ग, कनाडा आदि है।
निम्न स्तर वाले देश: (i) सामाजिक सेवाओं में सरकार द्वारा आवश्यक निवेश नहीं किया जाता है।
(ii) अधिकांश देशों में आर्थिक विकास की गति बहुत धीमी है।
(iii) इन देशों में अधिकांश देश राजनीतिक उपद्रव, गृहयुद्ध, सामाजिक स्थिरता, अकाल अथवा बीमारियों के दौर से गुजर रहे हैं।
प्र.6. मानव विकास क्या है? मानव विकास सूचकांक की गणना में प्रयुक्त तीन सूचकों का वर्णन कीजिए।
उ.6. मानव विकास मनुष्य की आकांक्षाओं एवं उन्हें उपलब्ध जीवन यापन की सुविधाओं के स्तर को विस्तृत करने की प्रक्रिया है।
मानव विकास सूचकांक की गणना के सूचक:
(i) जीवन प्रत्याशा: दीर्घ जीवन को जीवन प्रत्याशा के रूप में जाना जाता है
(ii) सामान्य साक्षरता दर: इसे शैक्षिक उपलब्धि के रूप में मापा जाता है जैसे जैसे साक्षर दर बढ़ती है वैसे-वैसे ही मानव जीवन का विकास होता है।
(iii) जीवन स्तर: इसका आकलन प्रति व्यक्ति सकल घरेलू उत्पाद के रूप में किया जाता है।
Full Form:
ILO - International Labour Organization.
UNDP - United Nations development program.