'जयशंकर प्रसाद का संक्षिप्त जीवन परिचय हिन्दी में'
जयसंकर प्रसाद का जन्म : सन् 1889 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुआ था।
मृत्यु : इनकी मृत्यु सन 1937 में हो गया।
शिक्षा : उन्होंने विद्यालय शिक्षा केवल आठवीं कक्षा तक प्राप्त की, परंतु स्वशिक्षा एवं शिक्षा के प्रति जागरूकता ने उन्हें महाज्ञानी बनाया। इनकी संस्कृत, हिंदी, फ़ारसी भाषा में अच्छी पकड़ थी।
उपलब्धियां : उन्होंने संस्कृत, पाली, उर्दू और अंग्रेजी भाषाओं तथा साहित्य का गहन अध्ययन किया। इसके अतिरिक्त उन्होंने इतिहास, दर्शन, धर्मशास्त्रों और पुरातत्व विषय में महारत हासिल की। जय संकर प्रसाद जी मौलिक रूप से कवि थे किंतु उन्होंने नाटक उपन्यास कहानी निबंध आदि। अनेक साहित्यिक विधाओं में श्रेष्ठतम रचनाओं का सृजन किया।
प्रसाद जी छायावाद कविता के चार प्रमुख स्तंभ में से एक माने जाते हैं।
प्रसाद जी छायावाद कविता के चार प्रमुख स्तंभ में से एक माने जाते हैं।
जयशंकर प्रसाद की मुख्य रचनाएं :
- नाटक : चंद्रगुप्त, चंद्रगुप्त, अजातशत्रु, राजश्री
- उपन्यास : कंकाल, तितली, इरावती
- कहानी संग्रह : आंधी, इंद्रजाल, छाया और आकाशदीप
- निबंध : काव्य और कला तथा अन्य निबंध
- कविता : झरना, आंसू, लहर, कामायनी, कानन कुसुम
कविता की मुख्य विशेषताएं :
- खड़ी बोली का प्रयोग।
- भाषा में तत्सम शब्दों की प्रधानता।
- ध्वन्यात्मक, संगीतात्मक एवम् चित्रात्मक हिंदी रचनाओं का सहज गुण है।
- प्रतीक योजना बिंब-विधान एवं अलंकारों का सुंदर प्रयोग।
जयशंकर प्रसाद के प्रमुख काव्य कृतियां:
(i) चित्राधार,
(ii) कानन-कुसुम,
(iii) झड़ना, आंसू,
(iv) लहर
(v) कामायनी।