'जल संसाधन'
प्र.1. भारत में किस नदी बेसिन में भोम जल का पुनः पूर्ति योग्य संसाधन का सबसे अधिक प्रतिशत है?
उ.1. गंगा नदी बेसिन।
प्र.2. भारत में कौन सा सैक्टर (आर्थिक क्रिया) धरातलीय और भौम जल का सर्वाधिक उपयोग करता है?
उ.2. कृषि क्षेत्र।
प्र.3. किस नदी बेसिन का कुल पुनः प्रतियोग्य भौम जल संसाधन सबसे कम है?
उ.3. स्वर्ण रेखा नदी।
प्र.4. कुओं और नलकूपों द्वारा कुल शुद्ध सिंचित क्षेत्र का प्रतिशत सबसे अधिक किस राज्य में है?
उ.4. गुजरात।
प्र.5. केंद्र सरकार द्वारा प्रवर्तित जल संभर विकास परियोजना कौन सी है?
उ.5. हरियाली।
प्र.6. आंध्र प्रदेश में लोगों के सहयोग से चलाया जाने वाला जल संग्रहण कार्यक्रम कौन सा है?
उ.6. नीरू मीरू कार्यक्रम (जल और आप)।
प्र.7. किन राज्यों में लागू हुआ जिलों का प्रयोग धरातलीय जन संसाधनों के रूप में होता है?
उ.7. केरल, उड़ीसा और पश्चिम बंगाल राज्य में।
प्र.8. देश में कृषि विकास की हरित क्रांति की राजनीति किन राज्यों में अधिक सफल हुई है?
उ.8. पंजाब, हरियाणा व पश्चिम उत्तर प्रदेश में।
प्र.9. जल गुणवत्ता का अभिप्राय स्पष्ट करों।
उ.9. जल गुणवत्ता से तात्पर्य जल की शुद्धता या अनावश्यक बाहरी पदार्थों से रहित जल से है।
प्र.10. दिल्ली से वाराणसी के मध्य गंगा पर स्थित दो ऐसे महानगरों के नाम बताओ जो ज्यादा प्रदूषित है?
उ.10. कानपुर, इलाहाबाद।
प्र.11. देश में अत्यधिक प्रदूषित दो नदियां कौन सी है?
उ.11. गंगा और यमुना।
प्र.12. राष्ट्रीय जल संसाधन की गुणवत्ता का मानीटरन कौन सी दो कंपनियां करती है?
उ.12. (i) केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB)।
(ii) राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (SPCB)।
प्र.13. भारत में जल संभर विकास की शुरुआत किस क्षेत्र में हुई?
उ.13. महाराष्ट्र, अहमदनगर जिले में रालेगाॅव सिद्धि गांव से।
प्र.14. भारत में जल प्रदूषण के किन्हीं दो स्रोतों का उल्लेख कीजिए। (Board exam 2013)।
उ.14. (i) वाहित मल निपटान।
(ii) नगरीय वाही जल।
(iii) उद्योगो में विषाक्त जल का स्राव।
(iv) नाभकीय ऊर्जा संयंत्र।
(v) कृषित भूमि के ऊपर से बहता हुआ जल।
प्र.15. राजस्थान के अलवर जिले में चलाया जाने वाला जल संग्रहण कार्यक्रम कौन सा है?
उ.15. अरवारी पानी संसद।
प्र.16. यमुना नदी किन दो शहरों के बीच सबसे अधिक प्रदूषित है?
उ.16. दिल्ली और इटावा।
प्र.17. किस राज्य में जल संग्रहण संरचना को बनाना आवश्यक कर दिया गया है?
उ.17. तमिलनाडु।
प्र.18. राजस्थान में वर्षा जल संग्रहण ढांचे किस नाम से जानी जाती है?
उ.18. कुंड अथवा टाका।
प्र.19. भारत में सिंचाई की बढ़ती हुई मांग के लिए उत्तरदायी कारकों का वर्णन कीजिए।
उ.19. (i) वर्षा का असमान वितरण: देश में सारे वर्षा का अभाव बना रहता है अधिकांश वर्षा केवल मानसून वर्षा के मौसम में ही होती है इसलिए शुष्क ऋतु में सिंचाई कृषि संभव नहीं हैं।
(ii) वर्षा की अनिश्चियता: केवल वर्षा का आगमन ही नहीं बल्कि मात्रा मात्रा की अनिश्चियता है। इस उतार-चढ़ाव की कमी के बल सिंचाई द्वारा ही की जा सकती है।
(iii) परिवर्तन शीलता: वर्षा की भिन्नता व परिवर्तनशीलता अधिक है। किन्ही क्षेत्रों में वर्षा अधिक होती है तो कहीं कम, कहीं समय से पहले तो कहीं बाद में। इसलिए सिंचाई के बिना भारतीय कृषि मानसून का जुआ बन कर रह जाती है।
(iv) मानसूनी जलवायु: भारत की जलवायु मानसूनी है जिसमें केवल 3 से 4 महीने तक ही वर्षा होती है। अधिकतर समय शुष्क ही रहता है जबकि कृषि पूरे वर्ष होती है इसलिए सिचाई पर भारतीय कृषि अधिक निर्भर है।
(v) खाद्यान व कृषि प्रधान कच्चे माल की बढ़ती मांग: देश की बढ़ती जनसंख्या के कारण खदानों व कच्चे माल की मांग में निरंतर वृद्धि हो रही है इसलिए बहू फसली कृषि जरूरी है जिसके कारण सिंचाई की मांग बढ़ रही है।
प्र.20. जल संसाधन के कम होने के उत्तरदायी किन्हीं तीन कारकों की व्याख्या कीजिए। भारत में जल प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए किन्ही दो वैज्ञानिक उपायों को बताइए। (बोर्ड एग्जाम 2013)
उ.20.
1). अत्यधिक उपयोग: (i) बढ़ती जनसंख्या के कारण जल संसाधन का उपयोग लगातार बढ़ता जा रहा है।
(ii) घरेलू ही नहीं उद्योगी क्षेत्र में भी इसका लगातार उद्योग जल संसाधनों में कमी का मुख्य कारण है।
(iii) कई बार उद्योग की बजाय दुरुपयोग इसी कमी को और भी बढ़ा देता है।
2). नगरीय क्षेत्रों का धरातल कंक्रीट युक्त होना: बढ़ते विकास व औद्योगिक के कारण अब नगरीय क्षेत्रों में कहीं भी धरातल कच्चा नहीं है बल्कि कंक्रीट युक्त हो चुका है जिससे भूमि के नीचे जल रिसाव की मात्रा कम होती जा रही है और भोम जल संसाधनों में कमी आ गई है।
3). वर्षा जल संग्रहण के संदर्भ में जागरूकता की कमी: (i) वर्षा जल संग्रहण के द्वारा संसाधनों का संरक्षण आसानी से किया जा सकता है।
(ii) इसके लिए जरूरत है लोगों को जागरूक करने की ताकि वह वर्षा जल के महत्व को समझें और विभिन्न विधियों द्वारा उसका संग्रहण व संरक्षण कर सके।
(iii) वर्षा जल संग्रहण घरेलू उपयोग भूमिगत जल पर निर्भर को कम करता है।
4). जलवायिका दशाओं में परिवर्तन: जलवायु की दिशाओं में परिवर्तन के कारण मानसून में भी परिवर्तन आता जा रहा है जिसके कारण धरातल युवा भोम जल संसाधनों में लगातार कमी आ रही है।
5). किसानों द्वारा कृषि कार्य के लिए जल की अति उपयोग: किसानों द्वारा कृषि के लिए अत्यधिक धरातलीय वह भोम जल का उपयोग जल संसाधनों में कमी ला रही है बढ़ती जनसंख्या की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए बरसा में तीन बार कृषि करने से सिंचाई पर दबाव पड़ता रहा है।
वैज्ञानिक उपाय:
(i) जल अधिनियम - 1974 (प्रदूषण निवारण व नियंत्रण)।
(ii) पर्यावरण सुरक्षा - 1986।
(iii) जल उपकरण अधिनियम - 1977।
प्र.21. हमारे देश में जल संसाधन की समस्याओं से जूझ रहा है? व्याख्या कीजिए।
उ.21. जनमानस की न्यूनतम अवस्थाओं में आता है लेकिन आज जल संसाधन की प्रति व्यक्ति उपलब्धता दिनों दिन कम होती जा रही है इससे जुड़ी समस्याएं निम्नलिखित है:-
1). जल की उपलब्धता में कमी: जनसंख्या वृद्धि एवं सिंचाई के साधनों में वृद्धि के कारण भूमिगत जल का दोहन बढ़ गया है जिससे भूमिगत जल का स्तर दिनों दिन घट रहा है। नगरों की बढ़ती जनसंख्या को पेयजल की आपूर्ति कठिन हो रहा है।
2). जल के गुणों में ह्रास: जल का अधिक उपयोग होने से जल भंडारों में कमी आती है उसमें बाहरी अवांछनीय पदार्थ जैसे सूक्ष्मजीव औद्योगिक अपशिष्ट आदि मिल जाते हैं। जिससे नदियां जलाशय सभी प्रभावित होते हैं इससे जलीय तंत्र भी प्रभावित होता है।
3). जल प्रबंधन: जल प्रबंधन के लिए देश में अभी भी पर्याप्त जागरूकता नहीं है सरकारी स्तर पर बनी नीतियां एवं कानूनों का प्रभाव शाली रूप से कार्य नहीं कर पा रही है।
4). जागरूकता एवं जानकारी का अभाव: जल एक सीमित संसाधन है हालांकि यह पूर्णीय है इसे सुरक्षित एवं शुद्ध रखना हमारी जिम्मेदारी है इस तरह की जागरूकता का अभी हमारे देश में कमी है।
प्र.22. जल संभर प्रबंधन के लिए सरकार द्वारा उठाए गए प्रमुख कदम कौन से हैं?
उ.22. जल संभर प्रबंधन: धरातलीय एवं भौम संसाधनों का अध्यक्ष प्रबंधन जिससे कि वे व्यर्थ न हो जल प्रबंधन कहलाता है।
प्रमुख कदम:
1). हरियाली: केंद्र सरकार द्वारा प्रवर्तित जल संभर विकास परियोजना है इस योजना से ग्रामीण जल संरक्षण करके पेयजल की समस्या को दूर करने के साथ-साथ वन रोपण मत्स्य पालन एवं सिंचाई की सुविधा भी प्राप्त कर सकते हैं।
2). नीरू-मीरू: यह कार्यक्रम आंध्र प्रदेश में चलाया गया है जिसका तात्पर्य है 'जल और आप'। इस कार्यक्रम में स्थानीय लोगों को जल संरक्षण की विधियां सिखाई गई है।
3). अरवारी पानी संसद: राजस्थान में जोहर की खुदाई एवं रोक बांध बनाकर जल प्रबंधन किया गया है।
4). तमिलनाडु में सरकार द्वारा घरों में जल संग्रहण संरचना आवश्यक कर दी गई है।
प्र.23. वर्षा जल संग्रहण किसे कहते हैं? वर्षा जल संग्रहण के किन्ही चार उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उ.23. वर्षा जल संग्रहण विभिन्न उपयोगों के लिए वर्षा के जल को रोकने और एकत्रित करने की विधि है।
वर्षा जल संग्रहण के उपयोग:
(i) पानी की उपलब्धता को बढ़ाता है जिसे सिंचाई तथा पशुओं के लिए उपयोग किया जाता है।
(ii) भूमिगत जल स्तर को नीचा होने से रोकता है।
(iii) मृदा अपरदन और बाढ़ को रोकता है।
(iv) फ्लूओराइट और नाइट्रेट जैसे दुषको को कम कर के भूमिगत जल की गुणवत्ता को बढ़ाता है।
प्र.24. भारत के कुछ राज्यों में भोम जल संसाधन के अत्यधिक उपयोग के तीन दुष्परिणामों का वर्णन कीजिए।
उ.24. (i) पंजाब हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में भोम जल का संसाधन के अत्यधिक उपयोग से भोम जल स्तर नीचा हो गया है।
(ii) राजस्थान और महाराष्ट्र में अधिक जल निकालने के कारण भूमिगत जल में फ्लोराइड की मात्रा बढ़ गई है।
(iii) पश्चिम बंगाल और बिहार के कुछ भागों में संख्या की मात्रा बढ़ गई है।
(iv) पानी को प्राप्त करने में अत्यधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
प्र.25. किस राज्य में कुंआ तथा नलकूपों द्वारा संचित क्षेत्र सर्वाधिक है तथा क्यों?
उ.25. गुजरात में कुआ और नलकूपों द्वारा सिंचित क्षेत्र सर्वाधिक है क्योंकि इस राज्य में नेहरू का अभाव है।
प्र.26. किस राज्य में कुआं तथा नलकूपों द्वारा सिंचित क्षेत्र का प्रतिशत निम्न है तथा क्यों?
उ.26. तमिलनाडु में को तथा नलकूपों द्वारा सिंचित क्षेत्र का प्रतिशत निम्न है इस राज्य में तालाबों से नेहरू निकालकर सिंचाई अधिक होती है यहां कोई खोजना मुश्किल कार्य है क्योंकि यह पठारी प्रदेश है।
प्र.27. भारत में जल संसाधनों के संरक्षण क्यों आवश्यक है? किन्हीं तीन कारणों को स्पष्ट कीजिए।
उ.27. (i) अल्बेनिया जल की घटती उपलब्धता।
(ii) शुद्ध जल की बढ़ती मांग।
(iii) जल की स्थानीय एवं ऋतुवत असमानता।
(iv) तेजी से फैलते हुए प्रदूषण से जल की गुणवत्ता का ह्रास।