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विद्यापति का जीवन परिचय हिन्दी में । Education flare

विद्यापति का संक्षिप्त जीवन परिचय हिन्दी में । Education flare,विद्यापति का जन्म : 1380 में बिना पति का जन्म मधुबनी, बिहार के बिस्पी गांव के एक ऐसे पर
विद्यापति का संक्षिप्त जीवन परिचय हिन्दी में । Education flare

'विद्यापति का संक्षिप्त जीवन परिचय हिन्दी में'

विद्यापति का जन्म : 1380 में विधापति का जन्म मधुबनी, बिहार के बिस्पी गांव के एक ऐसे परिवार में हुआ जो और ज्ञान के लिए प्रसिद्ध था।

शिक्षा एवं कार्य : इतिहासकार एवं विद्वान विद्यापति के जन्म काल के संबंध में एकमत नहीं है। उनके रचनाकार और आश्चर्यदाता के राज्यकाल के अनुसंधान के आधार पर उनके जन्म और मृत्यु वर्ष का अनुमान किया गया है। विद्यापति मिथिला नरेश राजा शिवसिंह के अभिन्न मित्र, राजकवि और सलाहकार थे।

उपलब्धियाँ : बचपन से ही विद्यापति अत्यंत कुशाग्र बुद्धि और तर्कशील व्यक्ति थे ऐसी कौन सी विधा है जिसमें विद्यापति परंपरागत नहीं थे, साहित्य, संस्कृत, संगीत, ज्योतिष, इतिहास, दर्शन, न्याय, भूगोल आदि के प्रकांड पंडित थे।

          उन्होंने संस्कृत अपभ्रंश और मैथिली–तीन भाषाओं में रचना की इसके अतिरिक्त और भी कई भाषाओं भाषाओं का ज्ञान था।

विद्यापति के कव्य विशेषताएं :
  • रचनाओं में दरबारी संस्कृति और अपभ्रंश भाषा का प्रयोग 
  • गीतों में भक्ति और श्रृंगार की गूंज
  • पदों में प्रेम और सौंदर्य की अनुभूति 
  • मुहावरों का सटीक प्रयोग

विद्यापति की महत्वपूर्ण कृतियां : क्रीर्तिलता, क्रीर्तिपताका, पुरुष परीक्षा, भू–परिक्रमा, लिखनावली और पदावली

क्रीर्तिलता और क्रीर्तिपताका रचनाओं पर दरबारी संस्कृति और  काव्य परंपरा का प्रभाव है तो उनकी पदावली के गीतों में भक्ति और श्रृंगार की गूंज है। विद्यापति की पदावली ही उनके प्रसिद्धि का मुख्य आधार है। वे हिंदी साहित्य के मध्यकाल के पहले ऐसे कवि है जिनकी पदावली जनभाषा में जनसंस्कृत की अभिव्यक्ति हुई है।

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