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भीष्म साहनी जी का जीवन परिचय हिंदी में। Education Flare

भीष्म साहनी जी का जीवन परिचय। भीष्म साहनी जी का जन्म सन् 1915 में रावलपिंडी (अब पाकिस्तान) में हुआ। मृत्यु: साहनी जी की मृत्यु सन् 2003 में हुई।
भीष्म साहनी जी का जीवन परिचय

भीष्म साहनी जी का जीवन परिचय

जन्म: भीष्म साहनी जी का जन्म सन् 1915 में रावलपिंडी (अब पाकिस्तान) में हुआ।
मृत्यु: साहनी जी की मृत्यु सन् 2003 में हुई।

शिक्षा: उनकी प्रारंभिक शिक्षा घर में हुई। उन्होंने उर्दू और अंग्रेजी का अध्यापन स्कूल में किया। गवर्नमेंट कॉलेज लाहौर से अपने अंग्रेजी साहित्य में M.A. किया। तदुपरांत पंजाब विश्वविद्यालय से पीएच.डी. की उपाधि प्राप्त की।

भीष्म साहनी जी का इतिहास: देश विभाजन से पूर्व उन्होंने व्यापार के साथ-साथ मानद (ऑनरेरी) अध्यापन का कार्य किया। विभाजन के बाद पत्रकारिता, इप्टा नाटक मंडली में काम किया, मुंबई में बेरोजगार भी रहे। फिर अंबाला के एक कॉलेज में तथा खालसा कॉलेज अमृतसर में अध्यापन से जुड़े। 7 वर्ष विदेशी भाषा प्रकाशन गृह मास्को में अनुवादक के पद पर कार्यरत रहे। ये प्रगतिशील लेखक संघ तथा एफ्रो एशियाई लेखक संघ में भी संबद्ध रहें।

साहनी जी की उपलब्धियां: तमस उपन्यास के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित। उनके साहित्यिक अवदान के लिए हिंदी अकादमी दिल्ली ने उन्हें शलाका सम्मान से सम्मानित किया।

साहनी जी की प्रमुख कृतियां:
  • कहानी संग्रह: भाग्य रेखा, पहला पाठ, भटकती राख, पटरियां, वांड्चू, शोभायात्रा, निशाचर, वाली, डायन।
  • उपन्यास: झरोखे, कड़ियां, तमस, बसंती, मय्यदास की माड़ी, कुतों, नीली नीलिमा निलोफर।
  • नाटक: माधवी, हानूश, कबिरा खड़ा बाजार में, मुआवजे।
  • बालोपयोगी कहानी: गुलेल का खेल।
प्रमुख कृतियों की विशेषता: उनकी भाषा में उर्दू शब्दों का प्रयोग विषय को आत्मीयता प्रदान करता है। छोटे-छोटे वाक्यों का प्रयोग विषय को प्रभावी एवं रोचक बनाते हैं। संवादों का प्रयोग वर्णन में ताजगी ला देता है।

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