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(मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूलन) Class 7th Science Notes Chapter 07 in Hindi | Education Flare

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  "Class 7th Science Notes Chapter 07"

Class 7th Science Notes

'मौसम, जलवायु तथा जलवायु के अनुरूप जंतुओं द्वारा अनुकूलन'

Class 7th Science Notes

मौसम

  • किसी स्थान पर तापमान, आद्रता, वर्षा, पवन वेग आदि के संदर्भ में वायुमंडल की दिन-प्रतिदिन की स्थिति उस स्थान का मौसम कहलाती है।
  • मौसम सामान्यत: किन्हीं 2 दिन अथवा सप्ताह दर सप्ताह सामान नहीं होता है।
  • दिन का अधिकतम तापमान सामान्यत: अपराहन (दोपहर बाद) में जबकि न्यूनतम तापमान प्रातः (भोर) होता है।
  • वर्ष भर सूर्योदय और सूर्यास्त का समय भी परिवर्तित होता रहता है।
  • मौसम के सभी परिवर्तन सूर्य से संचालित होते हैं।

जलवायु 

  • दीर्घ अवधि जैसे 25 वर्ष में लिए गए मौसम के प्रचालो के आधार पर किए गए प्रतिरूप (पैटर्न) उस स्थान की जलवायु निर्धारित करते हैं।
  • उष्णकटिबंधीय और ध्रुवीय क्षेत्र पृथ्वी के दो ऐसे क्षेत्र हैं जहां की चरम जलवायवीय परिस्थितियां होती है।

अनुकूलन

  • जंतु उन परिस्थितियों के लिए अनुकूलित होते हैं जिसमें वह वास करते हैं।

ध्रुवीय क्षेत्र

  • ध्रुवीय क्षेत्र में वर्ष भर बहुत सर्दी रहती है ध्रुवों में वर्ष के 6 महीने तक सूर्यास्त नहीं होता है और शेष वर्ष महीनों में सूर्योदय नहीं होता है।
  • ध्रुवीय क्षेत्र के जंतु कुछ विशेष गुणों के कारण जैसे- शरीर पर श्वेत फर, सूंघने की तीव्र शक्ति, त्वचा के नीचे वसा की परत, तैरने और चलने के लिए चौड़े और लंबे नाखूनों आदि के कारण अत्यधिक शरद जलवायु के लिए अनुकूलित होते हैं।
  • अतिशीत मौसम से बचने के लिए प्रवास एक अन्य साधन है।
  • अनुकूल जलवायु परिस्थितियों के कारण उष्णकटिबंधीय वर्षा वनो में पादप और जंतु की विशाल जनसंख्या पाई जाती है।
  • उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में जंतु इस प्रकार अनुकूलित होते हैं कि उन्हें अन्य प्रकार के जंतुओं से भिन्न भोजन और आश्रय की आवश्यकता होती है ताकि उनमें परस्पर स्पर्धा कम से कम हो।
  • उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों में रहने वाले जंतुओं के कुछ अनुकूलनो में वृक्षो पर आवास, मजबूत पूछ का विकास, लंबी और विशाल चोंच, चटख रंग, तीखे प्रतिरूप, तीव्र स्वर ध्वनि, फलों का आहार, सुनने की संवेदनशील शक्ति, तीव्र शक्ति, तीव्र दृष्टि, मोटी त्वचा परभक्षियो से बचने के लिए छज्यांवरान आदि सम्मिलित हैं।

उष्णकटिबंधीय वर्षा वन

  • भूमध्य रेखा के आसपास स्थित होने के कारण यहां की जलवायु गर्म होती है।
  • सबसे सर्द महीनों में तापमान सामान्य से 15 डिग्री सेल्सियस से अधिक एवं गर्मियों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक होती है।
  • वर्ष भर दिन और रात की लंबाई लगभग बराबर होती है।
  • विशेषता प्रचुर मात्रा में वर्षा होती है।
  • उष्णकटिबंधीय वर्षा वन भारत में पश्चिमी घाटों और असम में पाया जाता है।
  • वन दक्षिण पूर्व एशिया मध्य अमेरिका और मध्य अफ्रीका में होता है।
  • लगातार गर्मी और वर्षा के कारण इस क्षेत्र में विभिन्न प्रकार के पादप और जंतु पाए जाते हैं।

वर्षा वनों में पाए जाने वाले प्रमुख प्रकार के जंतु

  • बंदर
  • कपि 
  • गोरिल्ला 
  • चीता 
  • हाथी 
  • तेंदुआ 
  • छिपकली 
  • सर्प 
  • पक्षी  
  • कीट 


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